ब्लॉगिंग या सार्थक लेख, समाज में अपने अभिव्यक्ति को एक दूसरे के पास कुछ विशेष जानकारियां लोगो को पहुंचना ही ब्लॉगिंग है। सच कहा जाय तो कोई भी विषय को एक सरल भाषा में अपने अनुभव को एक ,मार्ग दर्शन के रूप में लोगो के बीच अपने लेख को रखना ही सही माने में ब्लॉगिंग कहलाता है।आज कल अनुभवों को ऐसे तैसे केवल बाजार प्रचार के लिया लोग इसका उपयोग करते है, जो सही नही है। वे लोग का मकसद लोगों का ख्याल किए बिना, बिना मतलब का ज्ञान देते है। उनका मकसद केवल मोटी कमाई पर है न की ब्लॉग के ज्ञान पर।
Blogging or meaningful articles, Blogging is the way to express your expression in the society, to reach some special information to each other. Truth be told, keeping your experience in a simple language on any subject, keeping your article among the people as a guide is called blogging. use which is not correct. They give knowledge without meaning to the people, without thinking about the people's purpose. Their aim is only on earning big money and not on the knowledge of the blog.
ब्लॉग की प्रकृति और जरूरत
ब्लॉग की उत्पत्ति हजारों साल पहले ,मानव के शरीर के अंगो के संकेतों के आधार पर अधारित अनुभव को लोग मानते थे , जैसे आज कुछ जंगली जीव आदि के आचरण और ब्यवहार को आप सुनते यह देखते होगे।तब आज तरह लोग ब्लॉग या कथन उसे न कहकर उसे सांकेतिक इशारा को विचार की अभिवयक्ति मानते थे।
मानव उत्पति काल में कोई भाषा थी ही नहीं , जिसके परिणाम स्वरूप आए दिन परिवार में सही संकेत को लोग गलत अवधारणा मानकर आपस में लोग भिड़ जाते थे। मानव के संघर्ष के काफी दिनों बाद हमे भाषा की जानकारी हुई ।जो धीरे धीरे आगे चल कर विचार अभिव्यक्ति का साधन बना ।जो आज यह समाज में एक सुखद ब्लॉगिंग का रूप ले लिया है ।
क्या हम कोई ही भी लेख या आर्टिकल को ब्लॉग का दर्जा दे सकते है
सामान्य तौर पर बहुत से कॉटेंट राइटर किसी भी लेख या अभिव्यक्ति को ब्लॉगिंग मान लेते है ,उन्हे यह पता नही होता है की सामान्य तौर पर कौन कौन से लोगो को विचार या भाषा को हम ब्लॉगिंग का दर्जा दे ।अगर हम सभी विचार या कथन को इस श्रेणी में लाकर रख दे तो यह समय की बर्बादी या बेकूफी से भरा कदम होगा ।
क्योंकी आजकल , भाग दौड़ के जमाने बिना मकसद के लोगो को ज्ञान देना , कहा तक औचित्य भरा होगा। क्या आज कल इंटरनेट और चलचित्र के जमाने में बिना कुछ खास बातो को जाहिर किया बिना कुछ लिखना मूर्खता भरा कदम नहीं होगा।
ब्लॉगिंग में समय काल क्षेत्र का प्रभाव
अब बात आती हैं की क्या , इसे भी हम अलग अलग श्रेणी में विभक्त कर सकते है। यह बात बिलकुल सही है की इसे सामान्य तौर पर चार श्रेणी में हम रख सकते है।ब्लॉगिंग के प्रकार या विषय क्षेत्र बहुत ही व्यापक है,लेकिन इसे लोग अपनें लाभ पहुंचाने या लाभ लेने के चक्कर में, इसे कुछ नीच (एक अति सूक्ष्म विषय )में विभक्त कर देते है।जो समय और कल को छोड़कर केवल एक गुगल एड सेंस के अलग बगल पूरा दृश्य नाचती रहती है। कुछ हद तक इसके लिए पाठक भी जिम्मेवार है क्यों की ,वे ऐसा ही ब्लॉग पढ़ना पसंद करते है। जिससे ब्लॉगर केवल रोचक विषय के अंदर एक सब विषय को चुनकर ब्लॉगिंग शुरू कर देते है।
ब्लॉगिंग के रूप रेखा (blogging outline) से मेरा मतलब यहां यह जानकारी देना है की किसी भी विषय को आप ले लीजिए, सभी विषय में आपको बर्तमात, भुत,और भाविष्य का कोई न कोई घटना आ ही जाती है।एक उद्धरण ले लीजिए यदि आप एक खेल का बोलगिग करते है तो आपको ,इसमें वर्तमान के साथ साथ कुछ पूर्व और भाविष की संभावना को भी चर्चा में रखनी पड़ती है जिससे इस विषय को अतरिक्त रोचक बनाया जा सकें।अगर हम इसे इस तरह वर्णन नहीं करेगे तो इस विषय की बहुत सारी छोटी और बड़ी घटना को सही तरीका के अपने लोगो को समझा नही पाएंगे और वे इसे एक उबाऊ ब्लॉगिंग समझ बैठेगें।
1. बर्तमान कल क्षेत्र
इस श्रेणी में हम केवल उस घटना या समय का अध्ययन या वर्णन करते है जो वर्तमान में चल रहा है ।इसमें बहुत सारी बाते या विषय चली आएगी ,जो सबका यहाँ वर्णन करना संभव नही है। उदाहरण के तौर पर करेंट न्यूज, खेल, या ताजातरीन विचार जो भी विश्व में घटित हो रहे है। आजकल जिसे मिडिया या न्यूज कहा जाता है सब इसी श्रेणी में आते है।
2. भूतकाल क्षेत्र -
इस श्रेणी में हम अपने पुराने समय में चीजों की चर्चा करते है।इसने बहुत सारी बातो में हिस्ट्री (इतिहास) से लिगई होती है।इसमें हम पुराने बातो को वर्तमान से तुलनात्मक अध्ययन कर लोगो को जानकारी पहुंचाते है ।
3. भविष्य काल क्षेत्र :-
इसमें हम भविष्य की बातें को अंदाज लगाकर लोगो की जानकारी देते है।आज कल इसका ताजा उदाहरण मोबाइल गेम के कैरेक्टर आप देखें ही होगे।आज कल एलियन की जो चर्चा चाल रही है वह इसी कार्य क्षेत्र में आते है।
4. समायोजन काल क्षेत्र:-
इस समायोजन काल क्षेत्र का कोई जगह, समय ,विषय , कोई बंधन नही होता है।इसका अभिप्राय फटे हुए जींस को फैशन के रूप में देखने वाली बातो से जुड़ा होता है। इस तरह आपको वर्तमान में बहुत सारी ब्लॉगिंग समयोजन काल से मिल जाएगी जो ज्ञान और अनुभव आपको मिली जुली देगी।
सच कहा जाय तो ब्लॉगिंग पर हम जितनी भी बहस कर उतना कम हो होगा ।आज कल बहुत सारे ब्लॉग में केवल किसी एक काल के अनुभव को लोग लिखते है होना यह चाहिए कि उसे तीनों कालों के अध्यान का वर्णन कर समीक्षा के रूप में अपना विचार रखा जाय।
आजकल ब्लॉगर वक्त के साथ साथ अपनी गाइड लाइंस को भी भूलते जा रहे है।उन्हे बस एक छोटी छोटी बातों को एक बड़ी विषय के रूप में तब्दिल कर एक बिवेचना बस प्रस्तुत करनी है। भले वह विषय अपनी महत्ता ही क्यों न खो दे ।इसलिए यह जरूरी हो जाता है की जब भी आप ब्लॉग पोस्ट लिखे तो आप वर्तमान, भुत,और भवीष्य तथा टथस्य विचार धारा को जरूर शामिल करे जिससे उस विषय को एक सकारात्मक बल मिले।
.
Truth be told, the more we argue on blogging, the less it will be. Nowadays, in many blogs, people write only the experience of one era, it should be that he should describe the study of all three eras and give his opinion in the form of review. To be kept
8962401814
जवाब देंहटाएं9145465273
जवाब देंहटाएंThanks
हटाएं9145465273
जवाब देंहटाएंThanks 🙏
हटाएंPinki verma22
जवाब देंहटाएंहमारे ब्लॉक वेबसाइट विजिट करने के लिए धन्यवाद
हटाएं8922371310
जवाब देंहटाएंBabu Chalwadi
जवाब देंहटाएं