Critical discussion on different aspects of Micro Nich Blogging - in Hindi
माइक्रो निच ब्लॉगिंग के विभिन्न पहलुओं पर महत्वपूर्ण चर्चा
Micro Niche Blogging को समझने के लिए पहले हमे यह जानना जरूरी हो जाता है की ब्लोगिंग क्या।इसकी प्रकृति और नेचर क्या है,इसकी हमे जरूरत क्यों है। अगर हम सब इन छोटी छोटी बातों का गहन विश्लेषण करेगे तो पायेंगे की ब्लागिंग एक समंदर है और इसमें पाए जाने वाले प्रत्येक तत्वों का विवेचन किसी एक ब्यक्ति के बस की बात नही है तो यही से अब हमे Micro Niche कि चर्चा।
(1) Micro niche blogging के फायदें –जब ब्लागिंग के बारे सोचते है तो आपके मन में विभिन्न प्रकार के विचार आते है।आप विषय की गंभीरता और एक विषय के भीतर बहुत सारे विषय होने के कारण आप सोच में पड़ जाते है। जैसे आप एक खेल का चुनाव किया की हम खेल के विषय में हमे ब्लागिंग करनी है लेकिन बात खेल तक ही सीमित हो तो सही है लेकिन आप देखते है की खेल में फुटबॉल, क्रिकेट, इंडोर गेम, आउट डोर गेम, शतरंज आदि बहुत सारे खेल है।आप किसके बारे में गहराई से लोगो कोअपनी ब्लागिंग के मध्यम से बताएंगे। एक पुरानी कहावत है –एक एक सादे सब सादे सब सादे जब जाए। इसके मतलब यह होता है आपको किसी एक सब्जेक्ट के ऊपर फोकस कर अपनी ध्यान केंद्रित करनी चाहिए अन्यथा आपकी सफ़लता संदेहास्पद बन कर रह जाएगी। यदि आप शांत मन से किसी एक जगह फोकस कर कार्य करेंगे तो आपकों निश्चय सफलता मिलेगी।
(2) Micro niche blogging के लिए विषय का चुनाव–जब भी आप कोई कार्य करते हैं सबके पहलेआप अपनी मन के मुताबिक़ जगह और विषय के बारे में सोचते है उसके बाद पूंजी और सफलता के बारे। यह मानव का नेचर है जो बेहद ही लालची होता है। हर नाते रिश्ते में लाभ और अपना स्वार्थ पहले दिखता है फिर बाद में अपनी कर्तव्य की उसे याद आतीं है। ठीक इसी प्रकार ब्लॉगिंग से पहले अपनी सारी हिसाब अपने पक्ष कर वह चलता है। मान लीजिए कि आप ने खेल में क्रिकेट का ब्लोगिंग के विषय को चुनाव किया है तो आपको इसी सम्बन्धित कॉन्टेंट आपको लिखना पड़ेगा अन्यथा ऊल फिजूल न्यूज़ नही डालनी है।आपकी पाठक आप पर निर्भर भी रहेंगे की आप जो भी पोस्ट लिखेंगे उसमे क्रिकेट से सम्बन्धित कुछ ख़ास रहेंगे।इस तरह आपकी और आपकी वेबसाईट की trust बढ़ेगा। और आपकी सफलता को जल्दी ही एक मुकाम मिल जाएगा।
(3)Micro niche विषय में आम लोगों की रूचि – जैसा की हम अब तक समझ पाएं की, एक कोई विषय में से उसके भीतर कोई एक पार्ट पर हम गहन विश्लेषण करने की कोशिश को माइक्रो niche ब्लोगिंग कहा जाता है।इस तरह आप साधारण भाषा में आप कहते है यह व्यक्ति डॉक्टर है ।यह सुनते ही आपके दिमाग में तुरन्त यह सवाल उठता है की यह डाक्टर है तो किस चीज का। मवेसी या आदमी का।फिर आपके मन में सवाल उठता है की आदमी के है तो किस बिमारी और स्पीलिस्ट किस अंग का ताकि जब हमे कुछ हो तो तुरन्त लाभ लिया जा सके।ठीक कुछ इसी प्रकार ब्लॉगिंग कभी खेल है।कोई भी व्यक्ति अपनी समस्या समाधान हेतु इंटरनेट का उपयोग करता है।जब उसे लगता है की हम किसी सुपर स्पेशलिस्ट जानकर के पास है जो इस क्षेत्र में महारथ हसिल हैं तो उसका विश्वास आपके प्रति उसका बड़ जाता है।बदबू धिरे धिरे वह आपके समझदारी और भाषाई जादू का चहेता वन जाता है। जब भी कोई नया आर्टिकल्स पोस्ट करते हैं तो वह आपके आर्टिकल्स को बहुत चाव से पढ़ता है और लोगों को शेर भी आपका नाम लेकर करता है।इस तरह आपकी और आपकी वेबसाइट की शाख बढ़ती हैं।आज आप देखते ही होगें यूटयूब हो या Quora, Google आदि पर माइक्रो niche ब्लोगिंग वाले करोड़ों कमा रहे है।
(4)जिज्ञास और मनोभाव –मनुष्य की जीवन शैली का राज नई नई विषय वस्तु को जानना और समझना रहा है । यदि उन्हें अपने रूचि वाले किसी एक विषय की जानकार और माइक्रों Niche यानि तथ्यों की भीतर तथ्य की समीक्षा वाले मिल जाएं तो कुछ बात ही अलग होगी। इस तरह की जानकार रखने वालो की कभी भी भारी कमी रहेंगी। क्योंकि माइक्रो Niche blogging सबके बस की बात नही होती है।इस पर काफ़ी शोध, अध्ययन और पठन पाठन कर एक आर्टिकल्स तैयार करनी पड़ती है। इस बात का काफी ख्याल रखना पड़ता है कि उसके आर्टिकल्स उबाऊ और पुरानी कॉन्टेंट न हो जिससे हमारे पाठक को बोरियत न फिल हो। जैसा की आप जानते है की जिज्ञास और अपनी ज्ञान को ऊर्जा बढ़ाने के लिए लोग माइक्रो Niche ब्लॉगिंग साइट पर विजिट करने लोग आते है। अन्यथा उन्हे कुछ जानकारी उन्हे भी रहती है।
(5)समान्य ब्लॉग से माइक्रो Niche ब्लाॅग अलग कैसे – हम ब्लॉग की परिभाषा देते है तो कहते है की किसी भी व्यक्ति या जीवों द्वारा सार्थक अभिव्यक्ति को अवाज को वाक्य और इसके समूह को ब्लॉग मन लेते है। लेकीन जब इस पर गंभीरता से चर्चा करते है तो पाते है की यह संतोष करने वाली स्टेटमेंट है। लेकिन हमे यहां समान्य और niche ब्लॉग के विषय में चर्चा करनी है अन्यथा हम विषयांतर हो रहे है। जब हम कोई आर्टिकल्स या पोस्ट लिखते है तो किसी भी विषय वस्तु की गहराई और उसके गंभीर बातों की समिक्षा करते है।लेकिन जब हम Niche ब्लॉग लिखते है तो इस बात का पुरा ख्याल रखा जाता है की हम एक विषय के अंतर्गत एक स्पेसिक तथ्यों की ही वर्णन करे।कभी इधर कभी उधर की तथ्यों की बात बिलकुल एन करे अपने ब्लॉग में । जैसे एक उधाहरण है... मान लिजिए मेरा बलॉगिंग प्वाइंट खेल है तो मैं सब खेलों की चर्चा अपने ब्लॉग में करूंगा जैसे का कबड्डी, क्रिकेट, फुटबॉल, शतरंज आदि। यदी Niche ब्लॉग की बात करे तो हमे खेल में किसी एक खेल तक ही अपने पोस्ट को सीमित रखनी है ।सभी खेलों को इसमें घुसेड़ कर ब्लॉग को जटिल और उबाऊ नही बनना है अन्यथा Niche ब्लोग से समान्य ब्लॉग बनने में देर नही लगती है। इसलिए हमे इस सब बातों को ध्यान में रखे हुए अपनी ब्लॉग को लिखना है।
इस तरह देखा जाय तो समान्य ब्लॉग और माइक्रो Niche blog या Niche ब्लॉग में कोई खास अन्तर नहीं है ।लेकिन इसमें तथ्यो की आंकड़ों की विवेचन प्रस्तुत करने की जगह है। किसी पार्टिकुलर तत्वों की जानकारी जानने वालों को दुनियां भर की न्यूज सुनाकर कर उबाऊ ज्ञान न दे।वह को जानना चाहता है उसे अपने Niche ब्लॉग के माध्यम से user जानकारी दे।इस तरह विशेष जानकारी जानने वाले को आपकी Niche ब्लॉग में रूचि बनी रहेगी।
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