ब्लॉग में क्या लिखते है ( What do you write in the blog)
जब भी ब्लोगिंग की बात आती है तो बहुत सारे सवाल अपने आप से से खुद पूछने लगता है मन– क्या, कैसे ,क्यों, कब, कितना आदि जैसे ढेर सारे प्रश्न हो जाते है।आज हम उन्हीं जब सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश यहां करेगे।.ब्लॉगिंग करने के शुरुआत के दिनो मे ऐसा बहुत सारे सवाल ब्लॉगर के मन में स्वतः आते है की, मैं अपने ब्लॉग शुरू कैसे करू ,ब्लॉग में क्या लिखूं, ब्लॉग किस विषय पर लिखी, आदि।लेकिन कुछ समय बाद आप जब ब्लॉगिंग शुरू कर देते है तो कुछ सवाल जा जवाब वक्त खुद ही ढूंढ लेता है और आप उसके आगे धीरे धीरे अपने आप में सुधार करते हुए एक अच्छा ब्लॉगर बन जाते है।इसमें अपनी खुद की मेहनत लगातार और बेहतरीन तरीके से एक दिशा में करनी पड़ती है।
जब आप ब्लॉगिंग करने के बारे में सोचते है तो एक बात पर बार बार ध्यान केंद्रित हो जाती है की यार मैं तो ब्लॉगिंग करूंगा लेकिन ब्लॉग में लोग क्या लिखते है ,शुरू कैसे करते है या फिर उसमे पॉइंट या अंत में समाप्त संबोधन को कैसे लिखते है। इस तरह बहुत सारे बात ऐशा होता की यदि जब तक हम अपने वर्क को शुरू नही कर देते तब तक वह कार्य बहुत बोझिल लगता है।लेकिन यदि हम कुछ गाइड से इसे लगातार अपने कार्य को करे तो हमे यह आसान सा प्रतित लगने लगती है । इस लिया यह ब्लॉगिंग में जरुरी हो हो जाता है की आप शुरुआत करने के बाद आप अपने niche पर लगातार रिसर्च करते हुआ एक शोध आर्टिकल्स लिखते हुआ आप धीरे धीरे आगे बड़े। कुछ समय बाद सफलता आपको जरूर मिलेगी।
इस तरह ब्लॉगर को शुरुआत के दिनो मे एक ब्लॉगर को अपने ब्लॉग को लेकर काफी परेशानियां उठनी पड़ती है।लेकिन लगातार प्रयास से यह आसान हो जाता है । मैं आपको यहां कुछ निम्न सुझाव देना चाऊंगा जो आप अपने ब्लॉग इसे जरूर शामिल करे।( 1 ) Rearch on the topic( 2) Besic introduction (3) topic Related Images( 4) concussion ( 5,) point to point (6) discussing point future', current and past (7) Besic to hard Content
... 1. ब्लॉग में क्या लिखे – ब्लॉग लिखने की ढेर सारी विधि है ।अपने मन की व्यथा या कथा या ज्ञान या अनुभव या रिसर्च को लेखन का सकल देना ही ब्लॉग है।अब बात आती हैं लिखने की कला का तो अपने जगह सब सही होता है लेकिन जब तक अपनी बात को अन्य लोगों के पास एक फॉर्मेट फाइल में उपलब्ध न कराए तब तक लोग उसे समझ नही पाते। इसलिए यह जरूरी होता है की आप एक अच्छा और प्रचलित फॉर्मेट में लेखन को अंजाम दे।
2. अब बात आती हैं की प्रचलित फॉर्मेट क्या है।यहां मेरे कहने का तत्पर्ज ,कुछ लिखने के बाद पैराग्राफ बदलना , निष्कर्ष, लाभ हानि आदि बातों को बहुत ही सालिन और सुंदर ढंग से लोगो को उपलब्ध कराना होता है।नही तो आप अपनी पूरी बात विस्तृत लेखन कर दे लेकिन आम पाठक न तो समझ पाए और पढ़ने में वे अपने आप को पठन सामग्री को उबाऊ समझ कर न पढ़ पाए।फिर आपके ब्लॉग से कोई फायदा आपको या पाठक को नही हुआ।
3. ब्लॉग में बीच के शब्द – ब्लॉग में आप टॉप के संबोधन खास लिखने के बाद बारी आती है की आप बीच का शब्द कैसे लिखेंगे और किस टाईप का लिखेंगे ।बीच के शब्द लिखने की भी अलग अलग कला है। पुराना लेखन था की आप अपनी बात को सीधा लिख दिए लेकिन यह पठन की दृष्टि से उबाऊ लगता है।इसके बाद आता है प्रग्राफ चेंज करकर कर लेखन करना ।आज कल ऐसा बहुत लोग लेखन करते है।जब भी कोई थोड़ा बहुत सकारात्मक बिंदु दिखाई पड़ती है तो पैराग्राफ चेंज कर ब्लॉग पोस्ट करते है।..
4. आज कल या बहुत दिनो से एक प्रचलित पद्धति है की आप उपरोक्त दोनों को मिलाकर एक नई पद्धति से ब्लॉग कीजिए जिसमे सबका सर भी हो और किसी को ब्लॉग अध्यान करने में बोरिंग भी फीलिंग यानी उबाऊ न लगे।इसके लिए आपको छोटे छोटे पॉइंट या माइनर हेडिंग देते हुआ अपनी बातो को समय समय पर paragraph चेंज करते हुआ ब्लॉग पोस्ट को लिखना है। जिसके आपके बातो को अध्यान बहुत आसान प्रतीत होगा।लेकिन आपका कार्य कुछ ज्यादा बड़ जायेगा और आपको सब माइनर हेडिंग में रियर्च काफी समय देना पढ़ेगा ।
5.आप जब भी कोई आर्कटिकल्स लिखे तो उसमे छोटी छोटी बातों को ध्यान देते हुए लोगो के जिज्ञासा को पूरा करने की भरपूर कोशिश करे ।कभी कभी अधिकतर लोग अपनी पूरी बात पूरा पेज भर भर कर लिख डालते है लेकिन जो कोई उस साइड पर जिस विषय वस्तु के ढूढता है वह नही मिल पाता जिससे वह नाराज हो कर फिर कोई दूसरा किसी के ब्लॉग पर चला जाता है।
6. कुछ लोग जब अपना कोई ब्लॉग लिखते है तो शुरू से लास्ट तक बहुत ही अच्छी टॉप भाषा या शुद्ध हिंदी या अंग्रेजी भाषा का प्रयोग कर डालते है जिससे कम पढ़ा लिखा मनुष्य को बहुत सारी बातो को समझ नही पाता।जिससे वह न चाहकर भी आपके आर्क्टिकल्स को पूरा पढ़े बिना ही वापस चला जाता है।
7. कभी कभी पाठक ब्लॉग को जब कभी काफी ध्यान से पढ़ते है तो उन्हें वह टॉपिक उबाऊ या नीरस फिल होने लगती है।ऐशा इस लिया की ब्लॉग पोस्ट तैयार करने के बाद बहुत सारी ऐसे बातो को शामिल किया गया है जो गैर जरुरी है और उस विषय या टॉपिक के अंदर शब्द को जटिल बना दिया गया है।
निष्कर्ष –किसी भी आर्टिकल्स के अंत में लिखे गए बातो को उस व्यक्ति द्वारा राय या सुझाव के रूप में बहुत से लोग मानते हैं परन्तु यह सही नही है यह केवल बातो के समापन समारोह आयोजित करने की रूप रेखा होती है।जिसे विद्वान निष्कर्ष के रूप में देखते है क्योंकि इससे कुछ हद आर्टिकल्स की गरिमा बनाए रखने में ब्लॉगर अपने ब्लॉग को समाप्त करता है।
इस तरह अगर हम उपरोक्त सभी बातो को ध्यान में रखकर ब्लॉगिंग का कार्य शुरु करते है तो हमे अपने ब्लॉगिंग कार्य बहुत हद तक आसान हो जाएगी।इस तरह हम अपने ब्लॉगिंग में उपरोक्त बातो को शामिल करके एक अच्छी ब्लॉग पोस्ट लिख सकते है जो सबको पसंद आएंगी।
8528883197
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग को पढ़ने के लिए आपको धन्यवाद।
हटाएं6297130452
जवाब देंहटाएं6297130452
जवाब देंहटाएंJahangir Hossain
जवाब देंहटाएंThanks 🙏
हटाएं9935231954
जवाब देंहटाएंThanks 👍
हटाएंSuraj sah
जवाब देंहटाएंGood
हटाएं6201646389
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
हटाएंधायबाद
हटाएं9987529053
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
हटाएं7738210772
जवाब देंहटाएंहमारे ब्लॉग पर विजिट करने के लिए धन्यवाद
हटाएं7078379463
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