What is the secret to success in blogging?(ब्लॉगिंग में सफल होने का राज़ क्या है )

कुछ बातो  की गहनता से चर्चा करने के बाद हम इस  नतीजे पर पहुंचे है की सफलता और विफलता एक सिक्के की दो पहलू है। लगन, ईमानदारी से कार्य किया जाय तो सगलता अन्यथा विफलता तो है ही। इसलिए सफलता का कोई शॉर्ट कट नही होता है यह अति परिश्रम चाहती है। आप जितना ज्यादा मेहनत करोगे उतना ही सफल होगे।


 ब्लॉगिंग में सफल होने का राज़ क्या है –दुनियां गवाह है सफलता का कोई राज नही होती , यह हमेशा अति परिश्रम और कुर्बानी मांगती है। बात यदि ब्लागिंग क्षैत्र में कैरियर बनाने का हैं तो यह भी क्षेत्र अब पहले जैसा नही रही रहा । यहां भी कंपटीशन आज कल बहुत बढ़ गया ।इस लिए आपको अब यहां भी काफी मेहनत करनी पड़ेगी। दोस्तो मैं बहुत दिनो से आर्टिकल्स और स्वस्थ कॉमेंट का पक्षधर रहा हु। लेकिन आज कल कुछ संगठित संस्थान इस पर अपना एकाधिकार स्थापित कर लिया है जिससे छोटे और नए ब्लॉगर को सफलता में देर अंधेर दिखाई पड़ रही है।


यदि हम ब्लोगिग के क्षेत्र में उपरोक्त बातों को ध्यान में रखते हुए निराश हो जाय तो यह भी ठीक नहीं है। हमें निरंतर और अथक प्रयास की जरूरत है। जो हमे सफ़लता तक पहुंचाने में हमारी मदद कर सकें। यदि हम थोड़े प्रयास के बाद थक जाय तो यह हमारी कमजोरी और मानसिक दुर्बलता कहलाएगी । ब्लॉगिंग क्या है?क्या हम सब इस पर कभी गंभीरता से विचार किया है।या फिर हम केवल धन उपार्जन का केन्द्र मानकर बैठे है।तो यह हमारी नियति में खोट जैसा है।जो अज्ञानी हो कर ज्ञान का ढोंग कर ब्लॉगिंग का ज्ञान बाटने यहां भी पहुंच गया।अगर आपकी ऐशा सोच है तो मेरी सलाह है की आप यहां से दूर रहे तो ज्यादा बेहतर होगा ।

(1)निरंतरता –  किसी भी कार्य की सफलता की चाभी इस बात पर निर्भर करता है की आप उस कार्य के प्रति कितना वफादार है और उस कार्य में कितना निरंता बनाए हुआ है। आप जब कोई कार्य करने के विषय में सोचते है तो सबसे पहले आपको उस कार्य की एक तसबीर मानों मस्तिष्य में बनती है और उस कार्य के प्रति एक लगन एक कासिश मनो भाव से जुड़ जाती है और मानव शरीर का अंग उसी अनुरूप कार्य करता है।

(2)Up To Date रहना – आप जब भी कोई कार्य करते है तो सबसे जरूरी यह हो जाता हैं आप उस कार्य के प्रति कितना जागरूक है।इस तरह इसकी साफलता कुछ हद तक up date पर भी निर्भर हो जाती है।यदि ब्लागिंग की बात करे तो यह क्षैत्र इससे अलग कैसे हो सकता है।अगर आप चाहते है इस क्षेत्र में भी हमे सफलता जल्दी मिले तों आपको तकनीकी और अपनी ज्ञान अध्तन रखनी ही पड़ेगी अन्यथा पुराना ज्ञान विज्ञान भला आज के दौड़ में पढ़ने की लिए आपका कोई वेबसाईट क्यों कोई लग इन करेगा। आज कल रोज नई नई तकनीकी और सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक आदि बदलाव रोज़ रोज़ हो रहे है और भला क्यों पूराने ढंग का आपका वेबसाइट पर लोग जायेगे।

(3)passion ( धार्य )–इतिहास गवाह रहा हैं कोई भी जंग या सफलता बिना मेहनत और धार्य के नही मिलती।इसलिए यह जरूरी हो जाता है की यादि कोई कार्य आप ब्लॉगिंग या युद्ध या अध्ययन करते है तो आप बिना घबराहट और खिन्न हुआ उस कार्य को लगातार निरंतरता बनाएं रखे जिससे सफलता आपकी पैर चूमेगीं।यह एक देसी मुहबरा है जो आज भी बहुप्रचारित है।यादि आप थोड़े थोड़े सफलता से उत्साहित या दुखी हो कर रूट डायवर्ट करते है तो सही नही जो आगे आपके सफलता में बहुत बड़ी बाधा उत्पन्न करेगी।इसलिए यह जरुरी हो जाता है की आप जब भी ब्लॉग कोई लिखे तो सर्वप्रथम यह बात मन से निकाल दे की हमे आज ही सफलता मिल जाएगी और मैं रातों रात फेमस हो कर स्टार बनकर बहुत सारी धन और ख्याती प्राप्त कर लूंगी।

(4)पिक्चर आर्ट्स और एनिमेशन का प्रयोग –

       जब हम कोई ब्लॉग या आर्टिकल्स लिखते है तो कभी कभी हमें खुद निराशा होने लगती है और उबाऊ महसूस होने लगती है।फिर कुछ समय बाद विश्राम करने के बाद पुनः हमें नई एनर्जी से ब्लॉग वेबसाइट लिखने लगते है। यदि ब्लागिंग में कुछ पिक्चर और एनिमेशन का प्रयोग करे तो निश्चित रूप से लेखक और पाठक तथा अन्य को उबाऊ और विश्राम वाली घटना से कुछ हद तक निजाद मिल सकती है। इस तरह हमे सफलता को चार चांद लगाने के लिए ब्लॉगिंग के पिक्चर और एनिमेशन का उपयोग बहुत जरूरी है । आप जब भी कोई आर्टिकल्स या ब्लॉगिंग करें तो एक रिलेटेड पिक्चर या एनिमेशन का प्रयोग जरूर करे 

(5) सरलता और रचनात्मक भाषाई का प्रयोग –किसी भी एजुकेशनल और नॉन एजुकेशनल चीजों में यह जरुरी हो जाता है की आप रचनात्मक और सकारात्मक मोटिव के साथ शुरुआत करे।जब ब्लॉगिंग को बात हो तो यह और महत्वपूर्ण हो जाता है।आप जब कोई आर्टिकल्स लिखे तो सर्वप्रथम उसकी भाषाई और उसके सरलता पर विशेष ध्यान दे। जिससे लोगो को कोई भाषा संबंधी शिकायत न रह जाए।अगर ऐसा नही होता है तो आपकी ब्लॉग के रूप में दी गई जमकारिया सब बेकार हो जायेगी।जब आपकी ब्लॉग को लोग समझ ही नही पायेंगे तो आपकी आर्टिकल की कम के।इसलिए आप लोगो के समझ के अनुसार ब्लॉग की भाषा का प्रयोग करे।

(6)सर्च इंजन ऑप्टिमाइज़ेशन (एसईओ) –जब आप कोई आर्टिकल्स लिखते है तो यह जरूरी हो जाता है किआप ब्लॉग गूगल में रैंक करे जिससे आसानी से लोगों के पास आपका आर्टिकल्स पहुंच पाए नही तो आपका विचार एक ब्लॉग के रूप में आपका वेबसाईट यों ही पड़ा रहेगा। इसलिए यह जरूरी हो जाता है आप seo की बारीकियों को सीखे और इसके कुशल उपयोग कर अपने ब्लॉग को गूगल के सहारे इसे अधिक से अधिक लोगो तक पहुंच बनाएं।अगर आप ऐसा करेंगे तो आपकी ब्लॉग को काफी सफलता मिलेगी और आप अपने वेबसाइट के साथ साथ आप भी पापुलर हो जायेंगे।

(7)करंट अफेयर्स की घटना को समायोजित करना–आज कल न्यूज और बर्तमान में घटित घटना को विबेचना करने का प्रचलन काफी बढ़ गया है और कुछ हद सकारात्मक विवेचना करना कोई गलत भी नहीं है।इसमें यह जरूरी हो जाता है की आप बर्तमान घटना को पुरानी घटना से तुलनातमक अध्यान कर अपने ब्लॉग को पोस्ट करेंगे तो आपके आर्टिकल्स कि महत्ता और बढ़ जाएगी।

उपरोक्त बातों की गहनता से चर्चा करने के बाद हम इस नतीजे पर पहुंचे है की सफलता और विफलता एक सिक्के की दो पहलू है। लगन, ईमानदारी से कार्य किया जाय तो सगलता अन्यथा विफलता तो है ही। इसलिए सफलता का कोई शॉर्ट कट नही होता है यह अति परिश्रम चाहती है। आप जितना ज्यादा मेहनत करोगे उतना ही सफल होगे।



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